Monday, July 26, 2010
वाह रे दिल्ली???????
दिल्ली में रोज़ रोज़ हादसे होते हैं..कभी चोरी, कभी डकैती, कभी सड़क हादसे और फिर भी दिल न भरे तो सरेआम क़त्ल..दिल्ली में अभी जोरो सोरो से सड़क बनाने का काम चल रहा है..बनाने का या बिगड़ने का ये तो देख कर मालूम चलता है..कल रात भी ऐसा ही कुछ हुआ..जल्दबाजी में रातोरात काम निपटने का काम चल रहा था..नशे में चूर दो दारू बाज़ ने एक साथ ११ लोगो पे तेज़ रफ़्तार कार चला दी...४ मजदूर कि मौत हो गयी जबकि ७ घायल हो गए...पर विडम्बना देखिये कोई भी अधिकारी उन् मजदूरों कि सुध लेने नहीं गया..सही में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता मरता कौन है...ये कहने के लिए था...फर्क पड़ता है...सभी को..अगर ये हादसा BMW से हुआ होता और एक भी मजदूर न मरे होते तो भी सारे दिन सुर्ख़ियों में होता...मजदूर नहीं, BMW ...मजदूर मरे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता..आये दिन ऐसा होता है कि दिल्ली कि सडको पर हादसा होता है पर हमेसा देखने में आता है कि अगर हादसा किसी BMW या MRZ से होता है तो सुर्खियाँ बनती हैं वरना कोई फर्क पड़ता...ऐसा लगता है जैसे कि एक इंसान से ज्यादा ४ पहियों वाली महंगी गाडी कि कीमत ज्यादा है..ऐसा सिर्फ सुर्खियाँ देने वालो तक ही सीमित नहीं बल्कि सरकार के लिए भी है..भगवान् जाने गरीब इंसानों कि कीमत कब होगी..
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bahut bahut dhanyawaad...swagat hai aapka comment karne ke liye