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Wednesday, July 21, 2010

टिप टिप बरसा पानी...पानी ने आग लगाई

बादलों की गड़ गडाहत..पानी की रिम झिम बुँदे और हसीन मौसम...ये शायद इन् दिल्ली वालो को पसंद नहीं आती..थोड़ी बारिश हुई नहीं की दिल्ली सरकार को कोसना शुरू...आखिर ये दिल्ली वाले चाहते क्या है मालूम नहीं...गर्मी होती है तो भगवान को सुनाते हैं..ठंडी होती है तो अल्लाह को कोसते हैं और जब बरसात होती है तो सरकार को गरियाते हैं...दरअसल महानगरो में रहने वालो का घर ac , गाड़ी ac और ऑफिस ac की आदत पद चुकी  है...उन्हें सिर्फ चमकती हुई सड़के चाहिए....बारिश देखनी हो तो कभी हमारे बिहार जाके देख आइये..कोसी में बढ़ आ गयी...लाखो का नुक्सान हो गया.. लेकिन सरकार जगी १० दिनों बाद...फिर मची हाय तौबा लेकिन नेताओ की...वह जनता तब भी मस्त थी..कुछ लोगो के आशियाने बर्बाद हो गए थे पर उन्हें उम्मीद थी की ये आशियाना फिर बनेगा और सपने फिर से बुने जायेंगे....न ही बर्बादी का गम मानते हैं...न बारिस को आफत बताते हैं.

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bahut bahut dhanyawaad...swagat hai aapka comment karne ke liye