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Saturday, July 24, 2010

मियां अज़हर चले निकाह करने



आज मेरे यार की शादी है...मेरी भी शादी हो जाये दुआ करो सब मिल के...की आ जा नाच ले...आप सोच रहे होंगे की सठिया गया है अभिषेक...पर नहीं..ऐसा कुछ नहीं है..मैं तो ये शादी के कुछ गाने गुनगुना रहा हूँ.अरे नहीं नहीं..अपने लिए नहीं...अज़हर भाई के लिए...तीसरी शादी जो करने जा रहे हैं...भैया की शादी में भाई तो दीवाना होगा न...फ़र्ज़ बनता है भाई..कुछ दिनों से उड़ रही अफवाह अब सच होने को आ रही है..अपने भारतीय स्टार बल्लेबाज़ मोहम्मद अजहरुद्दीन बहुत जल्द तीसरी शादी कर सकते हैं..खबर पक्की तो नहीं है..पर कच्ची भी नहीं..ऐसी उड़ती उड़ती पर सच्ची खबर आई है कि बैडमीन्टन बाला जवाला गुट्टा से अज़हर भैया तीसरी बार निकाह करेंगे...ये ज्वाला भाभी भी दूसरी बार दुल्हनियां बनेंगी...वैसे तो दोनों ने ही इस बात से इनकार किया है पर इनकार में भी इज़हार-ए-मोहब्बत टप टप टपक रहा था..टपकना भी चाहिए..आखिर प्यार भला छुपाने से छिपता है क्या..
अब बात संगीता भाभी की..अरे वही अपने अज़हर भैया की जोरू..सुनने में आया है की आजकल मुंबई चली गयी हैं..भैया को मुरादाबाद ही छोड़ दिया है. छोड़े भी क्यूँ न..अब अपने मियाँ की शादी अटेंड करेंगी तो क्या अच्छा लगेगा भला..वैसे भाभी समझदार हैं..हो सकता हैं रिसेप्सन में डांस करने आ जाये..आना भी चाहिए भाई...मियां की जो शादी होगी..वैसे संगीता भाभी गाना क्या गायेंगी. "मेरा मियाँ बना है दूल्हा और ज्वाला बनी है जोरू अरे मुझे भी कोई मिल जाये, दुआ करो ओ सल्लू"..समझ गए न आप..अपने सल्लू भाई की पुरानी आइटम हैं भाभी संगीता बिजलानी जी...
अक्सर ऐसा देखने में आया है कि एक उम्र में लोगो को फिर से प्यार होता है..जैसे अजहर भैया को ४७ साल कि उम्र में २६ साल कि खिलाड़ी पसंद आई..ज्वाला जी भी शादी शुदा हैं..बच्चो का मुझे मालूम नहीं..पर इनके पति चेतन आनंद जी भी बड़े नामी खिलाड़ी हैं, बेडमीन्टन के...कांस्य पदक भी जीता है..पर शायद अपने घर कि बाज़ी हार गए..लेकिन क्या करना है चेतन भाई को भी..बड़े खिलाड़ी भैया हैं..कोई न कोई खेल खेलेंगे जरुर..खेलना भी चाहिए..कब तक अकेले पारी खेलेंगे..कम थोड़े ही हैं..
चेतन भैया भी गायेंगे "आई  एम  ए  बैचलर, अकेला हूँ बीमार हूं, एक नई खिलाड़ी से मिलने को बेकरार हूं"
अच्छा इन बातों से यही नज़र आता है कि हमारा समाज और हमारे समाज में व्याप्त जातियां अपने दोगले धर्म को अपनाती हैं...जहाँ एक तरफ ओनर किल्लिंग के नाम पर मासूमो को मार काट रहे हैं वही एक "बड़े जाती और रसूख" वाले लोग तीन तीन बार शादी कर रहे हैं तो समाज को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है..न ही कोई समाज को सिख देने वाली बात कर रहा है..वरना दिल्ली जैसे जगह में भी छोटी मानसिकता वाले लोग बसते हैं जो सामाजिकता के नाम पर अपे ही खून का खून करने में नहीं सोचते..लेकिन भैया हमें क्या..
हमें तो बस पूड़ी-बुनिया का बेसब्री से इंतज़ार है..बुलाहट आये या न आये..पैय्जामा-कुरता झार के चल देंगे..गायेंगे भी.."मेरा यार बना है दूल्हा और फूल खिले हैं दिल के, अरे मेरी भी एक बार शादी हो जाये, दुआ करो सब मिल के"

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bahut bahut dhanyawaad...swagat hai aapka comment karne ke liye